चाईबासा में हिंसक हुआ नो-एंट्री आंदोलन, पुलिस-पथराव, लाठीचार्ज और आंसू गैस से मचा हड़कंप — एसडीपीओ की गाड़ी क्षतिग्रस्त, कई घायल

October 28, 2025
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चाईबासा। पश्चिमी सिंहभूम जिले के चाईबासा में सोमवार देर रात नो-एंट्री आंदोलन उस समय हिंसक रूप ले लिया जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की। तांबो चौक के पास प्रदर्शनकारी ग्रामीणों और पुलिस के बीच तीखी झड़प हुई। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागने पड़े।

कैसे शुरू हुआ विवाद

सोमवार की सुबह से ही चाईबासा के आसपास के गांवों के सैकड़ों ग्रामीण तांबो चौक पर जमा हुए थे। वे एनएच-220 और चाईबासा बाईपास रोड पर दिन के समय भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाने की मांग कर रहे थे। ग्रामीणों का कहना था कि इन सड़कों से दिन में गुजरने वाले ट्रक और ट्रेलर के कारण आए दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही हैं। कई लोगों की जान जा चुकी है, फिर भी प्रशासन ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

भारी वाहनों पर रोक की मांग को लेकर प्रदर्शन

ग्रामीणों ने कहा कि दिन के समय स्कूल के बच्चे, स्थानीय लोग और छोटे वाहन इन सड़कों से गुजरते हैं, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। उनका स्पष्ट कहना था कि भारी वाहन केवल रात में ही चलने की अनुमति दी जाए। इस मांग को लेकर ग्रामीण सुबह से नारेबाजी कर रहे थे और उन्होंने सड़क जाम कर दिया था।

परिवहन मंत्री के आवास का घेराव करने निकले ग्रामीण

दोपहर बाद प्रदर्शनकारी परिवहन मंत्री दीपक बिरुवा के चाईबासा स्थित आवास का घेराव करने के लिए निकल पड़े। प्रशासन ने उन्हें तांबो चौक के पास रोक दिया। इससे भीड़ उग्र हो गई और वे वहीं धरने पर बैठ गए। शाम होते-होते प्रदर्शनकारियों ने वहीं चूल्हा जलाकर भोजन पकाया, गीत-संगीत और नृत्य भी किया।

पुलिस ने जबरन हटाना चाहा तो भड़की भीड़

रात करीब नौ बजे जब पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने की कोशिश की तो स्थिति अचानक बिगड़ गई। भीड़ ने पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया। जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। तांबो चौक से लेकर बाईपास तक भगदड़ मच गई। कई प्रदर्शनकारी घायल हो गए जबकि कुछ पुलिसकर्मी भी हल्के रूप से जख्मी बताए जा रहे हैं।

एसडीपीओ की गाड़ी क्षतिग्रस्त

इस दौरान सदर एसडीपीओ बाहमन टूटी की स्कॉर्पियो गाड़ी भी प्रदर्शनकारियों के पथराव में क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस को हालात काबू में लाने के लिए अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा। देर रात तक इलाके में तनाव बना रहा।

प्रशासन ने तैनात की अतिरिक्त पुलिस

घटना के बाद पूरे इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। आसपास के थानों से भी जवान बुलाए गए हैं। जिला प्रशासन ने कहा कि हालात अब नियंत्रण में हैं, लेकिन किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पुलिस अलर्ट पर है।

ग्रामीण बोले — हमारी बात सुनी जाए, तभी हटेंगे

दूसरी ओर, प्रदर्शनकारी ग्रामीणों का कहना है कि जब तक सरकार उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लेती, वे आंदोलन जारी रखेंगे। ग्रामीण नेताओं ने आरोप लगाया कि प्रशासन उनकी समस्या सुनने के बजाय बल प्रयोग कर रहा है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

लगातार बढ़ रही हैं सड़क दुर्घटनाएं

एनएच-220 और चाईबासा बाईपास पर दिन के समय बड़ी संख्या में ट्रक और ट्रेलर गुजरते हैं। इन भारी वाहनों के कारण कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। हाल ही में एक बाइक सवार युवक की ट्रक से कुचलकर मौत के बाद ग्रामीणों में आक्रोश बढ़ गया था। उसी के बाद से नो-एंट्री आंदोलन की तैयारी की जा रही थी।

संक्षेप में:

तांबो चौक में नो-एंट्री आंदोलन हिंसक हुआ। ग्रामीणों ने पुलिस पर पथराव किया, पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे। एसडीपीओ बाहमन टूटी की गाड़ी क्षतिग्रस्त। ग्रामीणों की मांग — दिन के समय भारी वाहनों का प्रवेश पूरी तरह बंद किया जाए। प्रशासन ने इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया।

रिपोर्टर: [अभिषेक कुमार]