डीजीजीआई का बड़ा एक्शन: 250 करोड़ के जीएसटी घोटाले का पर्दाफाश, मास्टरमाइंड जेल में

October 16, 2025
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जमशेदपुर। जीएसटी इंटेलिजेंस महानिदेशालय (DGGI) की जमशेदपुर टीम ने 250 करोड़ रुपये से अधिक के भीमकाय जीएसटी घोटाले का भंडाफोड़ किया है। इस मामले में सिंडिकेट के मास्टरमाइंड और लोहा व्यापारी प्रदीप कलबलिया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।

कैसे हुआ खुलासा?

· गुरुवार को जमशेदपुर की एक विशेष अदालत ने प्रदीप कलबलिया को न्यायिक हिरासत में भेजा। · इससे एक दिन पहले, मंगलवार की सुबह, डीजीजीआई की एक 10 सदस्यीय विशेष टीम ने बोकारो के चास इलाके में स्थित प्रदीप के आलीशान अपार्टमेंट पर छापा मारा था। · इस गोपनीय ऑपरेशन के दौरान 50 लाख रुपये से अधिक की नकदी, कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल फोन और घोटाले से जुड़े अहम दस्तावेज व डिजिटल सबूत जब्त किए गए। · घोटाले में इस्तेमाल किए जा रहे कई बैंक खातों को भी तुरंत फ्रीज कर दिया गया है।

पांच राज्यों में फैला था जाल

डीजीजीआई, जमशेदपुर के अपर निदेशक सार्थक सक्सेना के अनुसार, यह सिंडिकेट बेहद संगठित तरीके से काम कर रहा था और इसका नेटवर्क पांच राज्यों — झारखंड, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और बिहार — तक फैला हुआ था।

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· इस गिरोह ने फर्जी कंपनियां बनाकर लोहा-स्टील के कारोबार में नकली बिल (इनवॉइस) तैयार किए। · इन फर्जी दस्तावेजों के जरिए इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का गैर-कानूनी फायदा उठाकर सरकारी खजाने को सैकड़ों करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया जा रहा था। · इसके साथ ही बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग की जा रही थी।

पहले गिरफ्तार आरोपियों ने उगले थे राज

इस मामले की जड़ें इसी साल 23 जुलाई को सामने आई थीं, जब डीजीजीआई ने 200 करोड़ रुपये के फर्जी इनवॉइस मामले में धनबाद के दो अन्य आरोपियों — अवनीश जायसवाल और मो. फैजल खान — को गिरफ्तार किया था।

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· इन दोनों आरोपियों से पूछताछ के दौरान ही प्रदीप कलबलिया के मास्टरमाइंड होने का खुलासा हुआ था। · इसके बाद से ही डीजीजीआई की टीम प्रदीप की तलाश में जुटी थी, लेकिन वह ठिकाना बदलकर फरार चल रहा था। · आखिरकार मंगलवार को उसकी सटीक लोकेशन का पता चलते ही टीम ने उसे धर दबोचा।

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अधिकारियों का मानना है कि प्रदीप कलबलिया से पूछताछ के बाद इस घोटाले से जुड़े और भी बड़े नाम और सफेदपोश चेहरे सामने आ सकते हैं।