इस साल 18 नवंबर से गूंजेगी शहनाई, शुभ मुहूर्तों के साथ शुरू होगा शादी-ब्याह का सीजन
October 30, 2025
कार्तिक माह के शुभ दिनों के साथ अब इंतजार खत्म होने वाला है। भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागरण के बाद देशभर में एक बार फिर से शहनाइयां गूंजने लगेंगी। 18 नवंबर 2025 से विवाह के शुभ मुहूर्तों की शुरुआत हो रही है, जो 6 दिसंबर 2025 तक जारी रहेगी। इसके बाद कुछ समय के लिए विवाह कार्यों पर विराम लग जाएगा।
भगवान विष्णु के जागरण के साथ आरंभ होंगे मांगलिक कार्य
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, श्रीहरि विष्णु कार्तिक शुक्ल एकादशी, यानी एक नवंबर को योगनिद्रा से जागृत होंगे। उनके जागरण के साथ ही सभी मांगलिक कार्य, जैसे गृहप्रवेश, नामकरण, और विशेष रूप से विवाह के संस्कार, आरंभ किए जा सकेंगे।
16 नवंबर (रविवार) को सूर्य देव तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे शादी-ब्याह के लिए ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति अनुकूल हो जाएगी। इसके बाद 18 नवंबर से विवाह मुहूर्त आरंभ हो जाएगा।
6 दिसंबर तक रहेंगे विवाह के शुभ मुहूर्त
6 दिसंबर 2025 तक विवाह समारोहों की रौनक रहेगी। इसके बाद ग्रहों के परिवर्तन और शुक्र ग्रह के अस्त होने के कारण विवाह कार्यों पर विराम लग जाएगा।
पंडित रामदेव पांडेय के अनुसार, मिथिला पंचांग और बनारसी पंचांग में विवाह मुहूर्तों में थोड़ा अंतर है —
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मिथिला पंचांग के अनुसार: कुल 10 शुभ मुहूर्त
बनारसी पंचांग के अनुसार: कुल 13 शुभ मुहूर्त
बनारसी पंचांग के अनुसार, नवंबर में 9 और दिसंबर में 4 शुभ लग्न रहेंगे। वहीं मिथिला पंचांग के अनुसार, नवंबर में 7 और दिसंबर में 3 शुभ मुहूर्त होंगे।
8 दिसंबर से विवाह कार्यों पर विराम
8 दिसंबर (सोमवार) से शुक्र ग्रह के अस्त होने और वृद्धत्व दोष के कारण विवाह जैसे शुभ कार्य निषिद्ध हो जाएंगे। 11 दिसंबर (गुरुवार) को शुक्र के अस्त रहने से यह अवधि कुछ दिनों तक चलेगी।
इसके बाद जनवरी में खरमास (सूर्य के धनु राशि में प्रवेश की अवधि) शुरू हो जाएगी, जिसके दौरान भी विवाह नहीं किया जाता।
नववर्ष में दोबारा गूंजेंगी शहनाइयां
नए साल 2026 में विवाहों का अगला दौर चार फरवरी से शुरू होगा। एक फरवरी की शाम छह बजे शुक्र ग्रह के उदित होने के साथ ही विवाह योग्य ग्रहस्थिति पुनः बन जाएगी। इसके बाद फरवरी, मार्च और अप्रैल में भी कई शुभ तिथियाँ रहेंगी।
शादी के लिए ग्रहों की शुभता का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में कहा गया है कि विवाह का बंधन सबसे पवित्र और स्थायी रिश्ता होता है। इसलिए इसके लिए ग्रहों का शुभ होना अत्यंत आवश्यक माना जाता है।
शादी के लिए बृहस्पति (गुरु), शुक्र और सूर्य (रवि) का शुभ होना जरूरी है।
इनमें रवि-गुरु का संयोग अत्यंत शुभफलदायी होता है और इसे सिद्धिदायक योग माना गया है।
ऐसे तय होते हैं विवाह के शुभ लग्न और नक्षत्र
शादी के लिए निम्नलिखित लग्न और नक्षत्र सबसे शुभ माने गए हैं –
शुभ लग्न:
वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, धनु और मीन
शुभ नक्षत्र:
अश्विनी, रेवती, रोहिणी, मृगशिरा, मूल, मघा, चित्रा, स्वाति, श्रवणा, हस्त, अनुराधा, उत्तरा फाल्गुनी, उत्तरा भद्रपद, उत्तरा आषाढ़
अति उत्तम मुहूर्त तब बनता है जब रोहिणी, मृगशिरा या हस्त नक्षत्र में विवाह हो।
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पंडित राकेश झा के अनुसार, यदि वर और कन्या दोनों का जन्म ज्येष्ठ मास में हुआ हो, तो उनका विवाह ज्येष्ठ माह में नहीं किया जाता, क्योंकि उस समय विषम योग बनता है, जो वैवाहिक जीवन के लिए शुभ नहीं माना जाता।
वर्ष 2025-26 के प्रमुख वैवाहिक शुभ मुहूर्त
बनारसी पंचांग के अनुसार:
नवंबर: 18, 19, 21, 22, 23, 24, 25, 29, 30
दिसंबर: 1, 4, 5, 6
फरवरी: 4, 5, 6, 7, 8, 10, 11, 12, 13, 14, 15, 19, 20, 21, 24, 25, 26
मार्च: 2, 4, 5, 7, 8, 9, 10, 11, 12, 13, 14
मिथिला पंचांग के अनुसार:
नवंबर: 20, 21, 23, 24, 26, 27, 30
दिसंबर: 1, 4, 5
जनवरी: 29
फरवरी: 5, 6, 8, 15, 19, 20, 22, 25, 26
मार्च: 4, 9, 11, 13
निष्कर्ष
इस साल शादी-ब्याह का दौर 18 नवंबर से शुरू होकर 6 दिसंबर तक चलेगा। फिर फरवरी 2026 में पुनः शुभ मुहूर्त आएंगे।
इस बीच ज्योतिषाचार्य सलाह देते हैं कि वर-वधू की कुंडली देखकर ही विवाह तिथि तय की जाए, ताकि ग्रहों की स्थिति और नक्षत्र पूरी तरह अनुकूल रहें।
News Nyx Jharkhand (न्यूज निक्स झारखण्ड)
इस प्रकार, नवंबर और दिसंबर में एक बार फिर पूरे देश में शहनाइयों की गूंज, बारातों की रौनक और खुशियों का माहौल देखने को मिलेगा।